अदाणी मामले पर लंबे समय से उठ रही जेपीसी जांच की मांग को एक बार फिर गलत ठहराते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में जेपीसी की जाँच को गैर जरुरी बताया. उन्होंने हिंडेनबर्ग मामले को लेकर कहा 'उस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था. लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.'
शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, जेपीसी की कोई जरूरत नहीं है। इसका कारण यह है कि जेपीसी की कोई भी जाँच प्रभावी तरीके से नहीं हो सकती, क्योंकि जब जेपीसी बनेगी उसमें भाजपा का बहुमत रहेगा और अन्य दलों को अधिकतम एक या दो सदस्यों का ही प्रतिनिधित्व मिल पाएगा और ऐसे में वही निष्कर्ष निकाला जाएगा, जो सत्ता पक्ष को चाहिए होगा।
उन्होंने आगे कहा, "एक समय था, जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करने के दौरान हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे। टाटा का देश में योगदान है। लेकिन आजकल अंबानी-अदाणी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की बहुत जरुरत है।"