इंदौर, 3 अप्रैल, 2023: ज़रा सोचिए, आपको बहुत तेज़ भूख लगी हो, और आपको खाने के लिए दिन भर कुछ भी न मिले। गर्मी के मौसम में तपती धूप में बैठ जाते हैं, और कई दिनों तक पीने के लिए पत्ते से तड़पने के बावजूद पानी नहीं देते। क्या हुआ? कौन सोच में पड़ गया? ठीक यही हाल है बेजुबान पक्षी का, जो तपती धूप में सूखे गले को गीला करने के लिए पानी की चंद बूंदों के मोहताज हो जाते हैं, और पत्तों से तड़पकर मौत के घाट उतर जाते हैं। यही कारण है कि आकाश में उड़ते इन बेज़ुबानों पर कम ही लोगों का ध्यान जाता है। "बेजुबान हैं, तो क्या हुआ, पत्ते उन्हें भी दिखाते हैं" थीम पर इंदौर की सामाजिक संस्था, बीइंग जिम्मेदारों द्वारा फैलाए जा रहे #दानापानी (#DanaPani) इन दिनों जोरों पर शुरू होता है। इस पहल के तहत संस्था बेजुबान पक्षियों के लिए मिट्टी के सकोरे और ज्वर-बाजरे के दाने का वितरण किया जा रहा है, ताकि घर के छत पर पंछी अपनी भूख और प्याले बुझा सकें। यह सबसे पहला पूर्णतः मुफ्त और निःस्वार्थ है। इसकी शुरुआत के चंद दिनों में ही सैकड़ों सकोरे और दाने लाए गए।
यदि आप भी अपनी छत पर आने वाले मेहमानों की भूख-प्यास को लेकर चिंतित हैं और उनके लिए सेवा भाव रखते हैं, तो संस्था बीइंग रेस्पॉन्सिबल, प्लॉट नं. 26, मालू-01, 406, वेलोसिटी मल्टीप्लेक्स के पास, स्कीम 94, इंदौर (सुरभि चौरसिया: 8109741870) आकर सोमवार से शुक्रवार, शाम 5:00 से 6:00 बजे के बीच दाना-पानी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि संस्था का यह सेवाभाव सिर्फ बेज़ुबानों तक ही सीमित नहीं है, यह सड़कों पर बेसहारा घूमते नन्हें बच्चों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को धूप से बचाने की छोटी-सी पहल के माध्यम से टोपी और चप्पल का वितरण भी कर रही है, ताकि वे कुछ हद तक धूप के प्रकोप से बच सकें। यदि आप इस पहल का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो समान पते से चप्पल और टोपी ले सकते हैं।