भोपाल,सितंबर 2022: सोनी सब का शो ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’ अगस्त में लॉन्च होने के बाद से ही
दर्शकों का दिल जीत रहा है। अलीबाबा की लोकप्रिय कथा को नये नजरिये और रोचक कहानी में पिरोकर पेश की
गई इस सीरीज को अपने किरदारों और कलाकारों की प्रतिभा के चलते काफी प्यार मिल रहा है। इस शो के सभी
किरदारोंको दर्शक पसंद कर रहे है, और अलीबाबा-मरियम कि केमिस्ट्री उनको भा रही है।
इस शो और अपने प्रदर्शन को दर्शकों से मिल रही तारीफ और समर्थन के लिये उन्हें धन्यवाद देते हुए मुख्य
कलाकारों शेहज़ान खान (अलीबाबा), तुनिशा शर्मा (मरियम) और मशहूर अभिनेत्री सायंतनी (सिमसिम) ने भोपाल
शहर का दौरा किया; इन कलाकारों ने वहाँ के लोगों से बात की और इस सफर में साथ देने के लिये उनका आभार
जताया।
इस शो में अपने सफर पर, अलीबाबा की भूमिका निभा रहे शेहज़ान खान ने कहा, “अली और मरियम को मिलाने
की साजिश कुदरत ने की है, लेकिन वे दोनों भविष्य को लेकर अनजान दिखाई पड़ रहे हैं। वे एक अड़चन से उभरने
की कोशिश कर ही रहे होते हैं कि दूसरी उनके सामने आ धमकती है। लेकिन अली निश्चित तौर पर हर परेशानी से
उभरेगा और दर्शक उसके सफर का मजा लेंगे। हम दर्शकों के प्यार और समर्थन के लिये आभारी हैं। भोपाल में
हमारा जो शानदार स्वागत किया गया, वह यादगार रहेगा और हमें निकट भविष्य में दर्शकों के साथ इस तरह की
और बातचीत होने की उम्मीद है।”
मरियम की भूमिका निभा रहीं तुनिशा शर्मा ने कहा, “जब अली और मरियम साथ में होते हैं, तब बड़ी हिम्मत से
किसी भी परेशानी का सामना कर सकते हैं। दर्शकों को अली और मरियम की केमिस्ट्री से प्यार हो गया है। हमें
डीएम, कमेंट्स और मैसेजेस के जरिये दर्शकों से बेहतरीन फीडबैक मिलता है और हमें खुशी है कि दर्शक हमारी
मेहनत को समझते हैं। दर्शकों का सपोर्ट मिलने से एक्टर को सबसे ज्यादा प्रेरणा मिलती है। अली और मरियम को
भोपाल ने जो प्रतिक्रिया दी, वह काफी सुखद अनुभव था। इन लोगों के लिए मेरा प्यार हमेशा बना रहेगा!’’
शो में सिमसिम की भूमिका निभा रहीं सायंतनी घोष ने कहा, “सिमसिम बेहद अनूठी है और विरोधी किरदार होने
के बावजूद उसकी शख्सियत में काफी गहराई है। वह स्क्रीन पर हमें दिखने वाले पत्थरदिल और विरोधी किरदारों
के उलट अपनी भावनाओं पर चलती है। सिमसिम को जो प्यार मिला है, उससे मैं बहुत ज्यादा खुश हूँ। इससे मुझे
लगन और समर्पण के साथ काम करने की एनर्जी मिलती है। मेरे किरदार को जो सराहना मिल रही है, उसके लिये मैं
काफी प्रसन्न हूँ।”
अलीबाबा अपनी बहादुरी से काबुल की किस्मत लिखने के लिये तैयार हैं। शो में अनाथ बच्चों को पिता के रूप में
प्यार देने से उसकी बहादुरी और भी बढ़ जाती है। सिमसिम से मिलने वाली सारी चुनौतियों और शैतानी योजनाओं
से लड़ते हुए अली और शहज़ादी मरियम की जिन्दगियाँ एक सिक्के के दो पहलूओं की तरह मिल जाती हैं। कहानी
के नये हिस्से में मरियम गुलामों के खूंखार सौदागरों से बच निकलने की कोशिश करेगी, जबकि अली उसकी मदद
करने के लिये वक्त को भी पीछे छोड़ने की कोशिश में होगा।
काबुल की किस्मत बदलने के अली और मरियम के मिशन में कौन-कौन सी अड़चनें आएंगी? क्या सिमसिम और
सद्दाम उनकी हिम्मत तोड़ने में कामयाब होंगे?
देखते रहिये ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’, हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर