~ सैटरडे प्रीमियर पार्टी में, जहां एंड पिक्चर्स हर शनिवार की रात नई फिल्में दिखाता है, देखिए बॉब बिस्वास 11 जून को रात 10 बजे ~
वो कोई पुराना दोस्त हो सकता है, जो अचानक आपको कोलकाता की सड़कों पर मिल जाए, या आपके साथ काम करने वाला कोई शख्स, जिसके साथ बैठकर आप खाना खाते हों। वो या तो आपको अपना हाल-चाल बता सकता है या फिर सीधे अपने बैग से एक गन निकाल सकता है। उसका हुलिया और हाव-भाव देखकर आप धोखा खा सकते हैं। बॉब बिस्वास एक खतरनाक कॉन्ट्रैक्ट किलर की अनिश्चितता और घुमाव से भरी कहानी है, जिसे भूलने की बीमारी है। एंड पिक्चर्स पर 11 जून को रात 10 बजे इस फिल्म का प्रीमियर होने जा रहा है। इस फिल्म में प्रतिभाशाली एक्टर अभिषेक बच्चन ने बॉब बिस्वास की भूमिका निभाई है। ऐसे में आप भी रहस्य और रोमांच की दुनिया में उतरने के लिए तैयार हो जाइए।
कुशल नवोदित डायरेक्टर दीया अन्नपूर्णा घोष ने बॉब को बड़ी विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत किया है, जिसका बड़ा ठेठ लुक है। बॉब के किरदार में कई परतें हैं, जो कहानी में धीरे-धीरे खुलती हैं। इस फिल्म में चित्रांगदा सिंह ने बॉब की पत्नी मैरी का रोल निभाया है, जो भावनात्मक और आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही हैं, क्योंकि वो एक ऐसे पति के साथ रह रही हैं, जिसे 8 साल तक कोमा में रहने के बाद अपनी पिछली जिंदगी का कुछ भी याद नहीं है, जो उन दोनों ने साथ गुजारी थी।
इस फिल्म के बारे में बात करते हुए अभिषेक बच्चन ने कहा, "बॉब बिस्वास का किरदार बड़े ध्यान से लिखा गया है, जिसमें एक फैमिली मैन और एक हिटमैन की दोहरी ज़िंदगी की उलझनों को बड़े सोच-समझकर पेश किया गया है। हमारी इस बात को लेकर काफी चर्चा हुई कि किस तरह बॉब को एक आम इंसान दिखाया जाए, जिस पर किसी को शक ना हो पाए। यह फिल्म कोलकाता के माहौल में बनी है और बॉब वहां का स्थानीय आदमी है, लेकिन हमने उसकी बोली में बंगाली लहज़ा नहीं रखा, क्योंकि सच कहूं तो मैं भी मुंबई में अपनी पूरी जिंदगी रहा हूं लेकिन मेरी बोली में मराठी लहज़ा नहीं है। तो फिर बॉब का बंगाली लहज़ा क्यों हो। बॉब बिस्वास के किरदार में इन्हीं बारीकियों का खास ख्याल रखा गया, जो इसे एक यादगार किरदार बनाती हैं। हमने बॉब के लिए जो दुनिया बनाई, वो उसके दोहरे अवतार को बहुत अच्छे से सपोर्ट करती है।"
यह कहानी बॉब बिस्वास के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक सीरियल किलर है और अपनी याददाश्त खो चुका है, और इसी वजह से वो अपने इस खतरनाक पेशे के बारे में सबकुछ भूल चुका है। यह फिल्म इंसान के ज़मीर की कश्मकश दिखाती है, जहां बॉब अपने पेशे और अपनी नैतिकता के बीच फंसा हुआ है। इसमें उसके गुस्से की गहराई उजागर होती है। वो अपनी पत्नी और बच्चों से दोबारा जुड़ने की कोशिश करता रहता है। हालांकि एक बार फिर वो अपने पिछले पेशे में उलझ जाता है, जहां वो एक शांत दिमाग का सीरियल किलर था। इसके बाद शुरू होता है कत्ल, अपराध और साजिशों का सिलसिला!
देखना ना भूलें बॉब बिस्वास का प्रीमियर 11 जून को रात 10 बजे, एंड पिक्चर्स पर।