सपा के गठबंधन से नहीं पड़ेगा कोई असर, 300 के पार जाएगी भाजपा: सीएम योगी आदित्यनाथ


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Network18 समूह के एमडी और ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी के साथ न्यूज़18 इंडिया, न्यूज़18 उत्तर प्रदेश – उत्तराखंड  और समूह के कई अतिरिक्त चैनल पर दिखाये गए  एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई बातें साझा की. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यूज़18 इंडिया को बताया कि कैसे बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव में 300 प्लस का आंकड़ा पार करेगी. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम को भी देख लीजिए. 2017 में भी दो लड़कों की जोड़ी आई थी. इसके बाद बुआ और बबुआ का गठबंधन 2019 में हुआ. परिणाम क्या रहा? बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 64 सीटें मिलीं. हर बार यूपी की जनता ने इनके गठबंधन को ख़ारिज किया

सवाल- आखिरकार आप गोरखपुर वापस आ गए. आप गोरखपुर वापस क्यों आए. बात चल रही थी कि आप मथुरा या अयोध्या जाएंगे?

जवाब- गोरखपुर या प्रदेश मेरे लिए कोई अपरिचित नहीं है. पार्टी ने मुझसे पूछा था और मैंने पार्टी पर छोड़ दिया. पार्टी ने सीट तय की. मैं आभारी हूं कि आदरणीय मोदी जी , अमित शाह का और संसदीय बोर्ड का कि उन्होंने मुझे गोरखपुर से नामांकन भरने का मौका दिया. 

सवाल- 2017 में आप लोगों ने यहां इतिहास रचा. आप लोगों ने क्लीन स्वीप किया. इस बार 300 के पार जाएंगे?

जवाब- देखिए लोकतंत्र में जन विश्वास किसी भी राजनेता के प्रति बहुत बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए. इसमें कोई संदेह नहीं है पीएम मोदी के प्रति उत्तर प्रदेश और देश ने जो विश्वास व्यक्त किया है 2014 में, 2017 में उत्तर प्रदेश के अंदर…आजादी के बाद कोई जन नेता ऐसा प्रचंड बहुमत हासिल नहीं कर सका. मोदी जी ने ना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है बल्कि देश में गरीब कल्याण का काम हुआ है. मोदी जी ने आम जन मानस का विश्वास जीता है. वो विश्वास आज भाजपा को भारी समर्थन के रूप में मिल रहा है. मेरा मानना है कि उत्तर प्रदेश ने बीते पांच सालों में जन विश्वास जीता है. मेरा विश्ववास है कि फिर भाजपा की सरकार बनेगी और 300 के प्रचंड बहुमत को पार करेगी.

सवाल - जितने सर्वे आए हैं उसमें समाजवादी पार्टी की बढ़त दिखाई गई?

जवाब- आपको क्या लगता है... 2014 में भाई-बहन की पार्टी को भी हाइलाइट किया गया था. उस समय प्रदेश के सत्ताधारी दल के बड़े-बड़े दावे थे. क्या हुआ. वे 5 सीटों पर सिमट गए. 2017 में दो लड़कों की जोड़ी आई थी. जनता ने उन्हें भी खारिज कर दिया. यूपी की जनता ने मोदी जी के नेतृत्व पर विश्वास किया. 2019 में महागठबंधन बन गया था. परिणाम क्या रहा? भाजपा 64 सीट पाकर नंबर एक पर थी. नंबर दो पर थी बसपा. उसे 10 सीटें मिलीं और सपा 5 सीटों पर सिमट गई. वो भी परिवार के भीतर ही. कांग्रेस को एक सीट मिली.

इस चुनाव में भी आप यही देखेंगे. आप तीन चुनाव देख रहे हैं. तीनों चुनाव के ट्रेंड हैं. मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ी है. वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. पांच वर्ष में हम बेहतरीन स्थिति में आए हैं. निवेश की संभावना बनी है. रोजगार सृजन हुआ है. अन्नदाता की खुशहाली के लिए काम किया गया है. लाखों हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा मिली है, महिलाओं को सुरक्षा मिली है. उनके आर्थिक स्वालंबन का काम हुआ है. ये सभी चीजें जुड़ेंगी तो भाजपा 300 के पार जरूर जाएगी. आपने 6 माह पहले का सर्वे देखा होगा. सपा गठबंधन कहां पर था. ये चार सर्वे देखेंगे तो आप पाएंगे कि सपा लगातार डाउन जा रही है. आज बहुत स्पष्ट स्थिति है. भाजपा 300 के पार जाएगी. यह अंततः 80-20 का होना है. 80 में भाजपा और 20 में अन्य...

सवाल- 80-20 का क्या मतलब है? कई लोगों ने इसे समुदाय विशेष के खिलाफ समझा. 

जवाब- किसी के सोच का क्या कर सकते हैं. जिन्होंने देखा है कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने काम किया है. सरकार के काम की सराहना की है. गरीब को मौका मिले. रोजगार मिले. गांवों में अप्टिकल फाइबर से विकास हो. ऐसे लोग 80 फीसदी हैं. वे भाजपा का साथ देंगे. जिन्हें लगता है कि सुरक्षा ठीक नहीं है. ये बैरियर हटना चाहिए वे बीजीपी को वोट नहीं देंगे है. ऐसे लोग 20 फीसदी हैं. पहले तो पैसा इत्र वाले के घर में चला जाता था. अब विकास के काम हो रहे हैं. 

सवाल- ये नकारात्मक 20 फीसदी कौन हैं?

जवाब- ये वही लोग हैं जिन्हें सुरक्षा पसंद नहीं. दंगा पसंद हैं ये. लड़कियां की सुरक्षा पसंद नहीं थी. जिन्हें गुंडा टैक्स पसंद था. चेहरा देख परियोजनाओं में बंदरबाट पसंद था.  

सवाल- कैराना में आपने बयान दिया कि गर्मी उतार देंगे और चर्बी निकाल देंगे? इसका मतलब?

जवाब- इसमें गलत क्या है. क्या कैराना के व्यापारियों को सुरक्षा पाने का अधिकार नहीं है. वहां की बेटियों को सुरक्षा पाने का अधिकार नहीं है. बिल्कुल है. मैं इसे भाजपा सरकार की उपलब्धि मानता हूं. इस कार्य को माताओं-बहनों-बेटियों ने हाथों-हाथ लिया है. जो लोग पहले पलायन के जिम्मेदार थे, उपद्रवों के लिए जिमेदार थे, वे पेशेवर हिस्ट्रीशीटर साढ़े चार साल तक दुबके रहे. लेकिन जैसे ही चुनाव की घोषणा हुई और एक पार्टी ने उन्हें टिकट दिया तो वे धमकाने लगे. ऐसे में लोगों के लिए क्या बोलूं? उनको पलायन पसंद है लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे.

सवाल- ऐसा क्यों?

जवाब- वे वोट बैंक के लिए करते हैं. आपने देखा नहीं कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने संसद में किस तरह गैर जिम्मेदाराना बयान दिया. क्या राहुल गांधी खुद को कांग्रेस का जिम्मेदार नेता मानते हैं. वह कश्मीर पर पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं. मुझे लगता है कि ऐसा गैरजिम्मेदारा बयान कोई भी सरकार पसंद नहीं करेगी. भाजपा तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी. 

सवाल- आप चुनाव में कानून-व्यवस्था का मुद्दा लेकर चल रहे हैं, लेकिन ओवैसी पर फायरिंग को लेकर क्या कहेंगे?  

जवाब- देखिए लोकतंत्र में हम बैलेट पर भरोसा करते हैं. हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं. हम सभी दलों के नेताओं से चाहेंगे कि वे वोट के लिए आस्था को कुचलने का प्रयास न करें. फिर नहीं तो आपको रिएक्शन देखने को मिलेंगे. 

सवाल- आपको लगता है कि ओवैसी जी ने जो बयान दिया उस कारण ऐसा हुआ?

जवाब- नहीं हम ऐसा नहीं कह रहे हैं. उनको सुरक्षा दी गई है. लेकिन ओवैसी जी कल जहां गये थे उस बारे में जिला प्रशासन को जानकारी नहीं दी गई. अगर उन्होंने परमीशन ली होती तो सुरक्षा के लिए इतना ही काफी है. 

सवाल- चुनाव में ओवैसी के असर को कितना बड़ा मानते हैं?

जवाब- सब दल के नेता बड़े होते हैं. हर कोई अपने दल का नेता है. कोई-छोटा बड़ा नहीं. वह अपने दल के बड़े नेता हैं.  

सवाल- कुछ नेता इस चुनाव को 85 बनाम 15 की लड़ाई बता रहे हैं?

जवाब- आपको क्या लगता है. जब हम राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो वे जाति की बात करते हैं. सोच तो वही है. परिवार से ऊपर उठकर सोच नहीं है उनका. उनसे आप ओबीसी कल्याण की बात करते हैं जो केवल परिवार के बारे में सोचते हैं. यह सोच ही कोरी कल्पना के अलावा कुछ नहीं.

सवाल- योगी जी का सबका साथ- सबका विकास का नारा है तो कोई मुसलमान कैडिटेड क्यों नहीं?

जवाब- मेरा वही रिश्ता उनके साथ है जो उनका रिश्ता मेरे साथ है. यूपी सरकार में मोहसिन रजा मंत्री हैं. केंद्र में नकवी जी मंत्री हैं. आरिफ मोहम्मद खान जी केरल में राज्यपाल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. हमें किसी व्यक्ति, मजहब से विरोध नहीं है. लेकिन जिनका विरोध भारत से भारतीयता से है, उनसे हमारा विरोध है. जो भारत को प्यार करते हैं हम उनको प्यार करते हैं. सबका साथ सबका विकास आजादी के बाद किसी ने ईमानदारी से किया है वो भाजपा ने किया है.

जो लोग सामाजिक न्याय का नारा देते थे, क्या गरीबों के पैसे को हड़प जाना ही सामाजिक न्याय है. सपा सरकार में 18 हजार आवास मंजूर हुए थे. भाजपा सरकार में लाख से अधिक की संख्या में आवास बने हैं. इसमें अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के भी लोग हैं. शासन की योजना में कोई भेदभाव नहीं है. लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं. हम व्यवस्था को भारत के संविधान के अनुरूप चलाएंगे. हमारी व्यवस्था सबके लिए बराबर है. सेक्युलरिज्म का मतलब हिंदू विरोध नहीं हो सकता और ना ही तुष्टिकरण हो सकता है. 

सवाल- नाथ संप्रदाय से मुस्लिम लोग भी जुड़े हैं लेकिन लोग आपको मुस्लिम विरोधी बताते हैं?

जवाब- ये पीठ शैव परंपरा की है. इसलिए हम लोग जहर पीते हैं और अमृत बांटने का काम करते हैं. हमें तो बहुत कुछ लोग कहते हैं. लोग हम पर आरोप लगाएं, लांछन लगाएं, लेकिन बिना डिगे, बिना हिले- लोक कल्याण के रास्ते पर चलेंगे.

सवाल- आपका वोट 2017 में 40 फीसदी था. सपा-बसपा का 20-22 फीसदी. इस बार लड़ाई थोड़ी अलग है. राजभर और जाट समुदाय के उनके साथ मिलने से वे फाइट दे सकते हैं?

जवाब- देखिए... राजनीतिक विश्लेषण कितना सच होता है मैं नहीं कह सकता. लेकिन 2022 में जो गठबंधन बना है उससे बड़ा गठबंधन 2019 में बन चुका है. उसमें भाजपा ने 64 सीटें पाई, बसपा 10 और सपा 5 पर सिमट गई. आप लोग अनुमान लगा रहे थे कि भाजपा 20-25 पर सिमट जाएगी. अब गठबंधन से ऊपर उठ चुका है चुनाव. भाजपा प्रचंड बहुमत से आएगी. 

सवाल- क्या आपको लगता है कि पश्चिमी यूपी में इस बार जाट और मुसलमान साथ आएंगे?

जवाब- मुझे तो नहीं लगता. कैराना और मुजफ्फरनगर को कोई नहीं भूल सकता. टिकट बंटने के बाद जिस तरह से धमकी मिली हैं. उसको पश्चिम यूपी की जनता नहीं भूलेगी. कोई गफलत में हो तो अलग विषय है. मुझे नहीं लगता कि गौरव-सचिन जैसे जाट युवकों के अपमान को लोग भूल पाएंगे. वहां से जो रिएक्शन आ रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि कुछ बदला है. जाट हमसे बाहर कैसे हो जाएगा. जाट उसी 80 के अंदर है.

सवाल- अखिलेश परशुराम जयंती मनाएंगे. क्या ब्राह्मण समुदाय आपसे नाराज है? 

जवाब- देखिए... एक प्रबुद्ध समाज को आप बरगला नहीं सकते. क्या एक प्रबूद्ध समाज स्वीकार करेगा कि राम भक्तों पर गोली चलाते रहे. क्या पश्चिम में दंगे होते रहे. वो कभी स्वीकार नहीं करेगा. वही हवा, वही सपा है, वही दंगे फसाद की उनकी मानसिकता है. उनमें बदला क्या है जिससे कि ब्राह्मण समाज उन पर विश्वास करे. मैंने कहा कि हर वो व्यक्ति भाजपा के साथ है जो सुशासन, राष्ट्रवाद का समर्थक हैं. 

सवाल- आपके कई मंत्री आपको छोड़कर चले गए?

जवाब- देखिए उनके भी कई लोग हमारे साथ आए. मुलायम सिंह जी के समधी हमारे साथ आए हैं. जो भाजपा में आए हैं. वे इस आश्वासन के साथ नहीं आए हैं कि उनको टिकट मिलेगा. वे कार्यकर्ता के तौर पर आए हैं. पार्टी में काम करेंगे. 

सवाल- पिछड़े वर्ग के नेताओं के जाने से?

जवाब- कौन सा ऐसा चेहरा है जो भाजपा में नहीं. क्या भूपेंद्र यादव जी केंद्र में मंत्री नहीं हैं? केशव मौर्य जी डिप्टी सीएम हैं. दिनेश शर्मा जी भी उप मुख्यमंत्री हैं. जयप्रकाश निषाद मंत्री हैं. क्या अनिल राजभर प्रदेश के अंदर मंत्री के तौर पर काम नहीं कर रहे हैं. हम सामाजिक न्याय के साथ मेरिट पर काम कर रहे हैं. जिनको लगता कि सामाजिक न्याय के नाम पर सिर्फ उनके परिवार का भला होता रहे तो उनके बुरा लगेगा ही. हमारे प्रदेशाध्यक्ष पिछड़े वर्ग से हैं. वे सामाजिक भावना के साथ लोककल्याण का काम कर रहे हैं.  

सवाल- जयंत चौधरी को लेकर अमित शाह के बयान दिया तो उस पर उन्होंने कहा कि मैं चवन्नी थोड़े हूं जो पलट जाऊं?

जवाब- देखिए... अमित शाह जी देश के यशस्वी गृह मंत्री हैं. स्वाभाविक रूप से उन्होंने जयंत जी के हित में ही बोला होगा. हो सकता है कि वो अच्छे व्यक्ति हों, अगर वह गलत तरीके से ले रहे हैं तो कोई क्या करे. सभी जानते हैं कि वह दिल्ली से बाहर नहीं निकलते हैं. मुजफ्फरनगर दंगे के वक्त वह सचिन- गौरव के परिवार यहां संवेदना व्यक्त करने तक नहीं गए.

सवाल- क्या किसान बिल की वजह से पश्चिम यूपी में कठिनाइयां आएगी? 

जवाब- यूपी में किसान बिल का कोई मतलब नहीं था. यूपी के किसानों ने इसका समर्थन किया था. आप यूपी के किसी भी किसान से पूछेंगे तो वे बताएंगे कि कृषि ऋण से लेकर किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. उन्होंने सीएम आवास पर आकर समर्थन किया था. बाद में धरने पर बैठ लेकिन यह अलग विषय है. 

सवाल- यूपी चुनाव में प्रियंका फैक्टर का कोई असर? 

जवाब- देखिए कांग्रेस पार्टी एक राजनीतिक दल तो है ही. देखिए कितने लोग पसंद करते हैं. जनसमर्थन कितना मिलता है, 10 मार्च को पता चल जाएगा.

सवाल- कांग्रेस ने अखिलेश और शिवपाल के खिलाफ कोई कैंडिडेट नहीं उतारा, आप कोई साठगांठ देख रहे हैं?

जवाब- ये साठगांठ तो 2019 में भी थी. 

सवाल- आपने मायावती को जन्मदिन की बधाई दी, क्या कुछ तालमेल?

जवाब- मैं सभी को बधाई देता हूूं, अखिलेश जी को भी देता हूं. उन्होंने सीएम के तौर प्रदेश की सेवा है. कोई  तालमेल नहीं. कैसा तालमेल. चुनाव अलग विषय है. बातचीत करना अलग विषय है. मैं मुलायम सिंह जी को देखने गया था.

सवाल- अमित शाह जी ने कहा कि सपा के साथ बाहुबली और आपके साथ बजरंग बली…? 

जवाब- देखिए ऐसा नहीं है. जब पेशेवर अपराधी और माफिया, जब उसी जाति में हैं तो कहां से ले आएंगे दूसरी जाति से. अपराधी कहीं भी हो उसके खिलाफ सरकार काम करेगी. सपा के टिकट वितरण की सूची देख सकते हैं. कैसे-कैसे लोगों को टिकट दिया है. सामाजिक न्याय की सूची आपको भाजपा में दिखेगी, दंगाई-मवाली उनमें.

सवाल- क्या यह चुनाव 2024 से पहले रेफरेंडम हैं?

जवाब- देखिए चुनाव पार्टी लड़ती है, हमने जो किया है कि वह हमारी जवाबदेही है. हम चुनावी मैदान में हैं. जनता को जो सुरक्षा मिली है, हमने गरीब कल्याण का जो काम किया है उसे आगे जारी रखना है. हमारे लिए हर दिन एक परीक्षा होती है. हमारे लिए सत्ता सुख भोगने का माध्यम नहीं है. हर रोज हमारे लिए यह परीक्षा है, चाहे वह कोरोना उन्मूलन हो. गोरखपुर से इंसेफ्लाइिट खत्म करना हो. विकास का काम हो. कुछ तो काम ऐसे हैं जो 70 सालों में नहीं हुए थे. आज प्रदेश में 33 मेडिकल कॉलेज हैं. आज प्रदेश में 9 एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है. 70 सालों में डेढ़ एक्सप्रेस बने थे. इस यूपी के 9 शहर एयर कनेक्टिविटी के जरिए देश और दुनिया से जुड़े हैं. 11 एयरपोर्ट बन रहे हैं. 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला प्रदेश है यूपी. 



सवाल- सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है. हर जगह खेमेबाजी होती है. मोदी जी के साथ आपकी केमेस्ट्री कैसी है?

जवाब- मोदी जी देश के नेता हैं. पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं. एक अभिभावक के रूप में उसका साथ हमेशा है. और अभिभावक से मतभेद का सवाल ही नहीं. हम जो भी कर रहे हैं वो सब प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से संभव हुआ है.

सवाल- अमित शाह यहां आए और आपके काम की सराहना की, आपकी उनके साथ केमिस्ट्री?

जवाब- मैं हमेशा बोलता हूं कि अमित शाह जी यशस्वी गृह मंत्री हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के रूप में जो काम किया सब जानते हैं. स्वाभाविक रूप से उन्होंने जो चीजें की हैं. हमने उनकी कार्य पद्धति को करीब से देखा है. लोक कल्याण संकल्प पत्र को अमित शाह जी ने ही प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ड्राफ्ट करवाया. जब कोई काम नेता करेगा तो उनके बारे में बोलना चाहिए. वो सम्मान के हकदार हैं. हम उनको सम्मान देते हैं. पहले भी गड़बड़ नहीं था और आज भी गड़बड़ नहीं है.

आखिरी सवाल- गोरक्षनाथ पीठ मे इंटरव्यू कर रहे हैं.... बसंत पंचमी के दिन आपको दीक्षा दी गई थी. इस बारे में कुछ बताइए?

जवाब- मेरी दीक्षा बसंत पंचमी के दिन 1994 में हुई थी. लेकिन उससे एक साल पहले ही मैं यहां आ गया था. मैं 1989 से गुरु महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आ गया था. 1992 तक आना-जाना था. 1993 में मैं यहां आ गया और 1994 में मुझे दीक्षा दी गई. मैं हमेशा उनको अपना आराध्य मानता हूं.

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