धर्म की रक्षा के लिए शहीद हुए दो मासूम बच्चे, बूढ़ी दादी संग वजीर खान ने किया था कैद; लोगों ने किया याद



नई दिल्ली।  सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के दो छोटे बेटों की शहादत आने वाली कई सदियों तक लोगों को प्रेरणा देती रहेंगी। इन्होंने छोटी सी उम्र में बहादुरी से संकट का सामना किया। आनंदपुर साहिब में 20 दिसंबर 1705 को गुरु गोबिंद सिंह का परिवार बिछड़ गया था। फिर 22 दिसंबर को गुरु के दो बड़े बेटे चमकौर की जंग में शहीद हो गए और गुरु के रसोइए ने पैसों के लालच में परिवार से बिछड़ गई गुरु गोबिंद की बुजुर्ग मां और दो मासूम बेटों को वजीर खान के हवाले कर दिया।


अमृतसर से 200 किलोमीटर दूर सिरहिंद में दिसंबर की ठंड में गुरु गोबिंद सिंह की बुजुर्ग मां गुजरी देवी और दो मासूम बच्चे 9 साल के जोरावर सिंह और 6 साल के फतेह सिंह को मुगल वजीर खान ने एक ऊंची बुर्ज में कैद कर लिया था। इस ऊंची बुर्ज में इसलिए क्योंकि वहां ठंडी हवा तेजी से आती थी । बिना कंबल और गर्म कपड़ों के दादी और पोते भूखे प्यासे कैद रहे। वजीर खान ने गुरु को नीचा दिखाने के लिए दोनों मासूमों को दरबार में बुलाया और जानबूझकर छोटा दरवाजा खोला गया ताकि मासूम सिर झुकाकर दरबार में दाखिल हो लेकिन दोनों बच्चे पैर आगे करके सिर झुकाए बिना दरबार में दाखिल हुए।


बच्चों को दीवार में जिंदा चुनवाने का हुक्म सुनाया गया

वजीर खान और उसके हुक्मरानों ने दोनों मासूमों को बहुत डराया और धर्म बदलने के लिए बोला लेकिन जोरावर सिंह और फतेह सिंह ने उल्टा वजीर खान को धर्म का सच्चा ज्ञान दे दिया और सबके सामने पंथ का जयकारा लगाया। वजीर खान अपनी बेइज्जती से बौखला गया और दोनों बच्चों को दीवार में जिंदा चुनवाने का हुक्म सुना दिया। कहा जाता है वजीर खान के कई दरबारियों ने उसे मासूमों की जान लेने से रोकना चाहा, यहां तक कि उसकी बेगम ने दोनों मासूम की जान बख्शने की भीख मांगी लेकिन गुरु गोबिंद जी से नफरत करने वाला वजीर खान नहीं माना।

 दादी गुजरी देवी ने दोनों पोतों को सजाकर मृत्युदंड के लिए भेजा। 26 दिसंबर 1705 को तय वक्त पर दोनों मासूमों को लाया गया। जल्लादों ने दीवार चुन्नी शुरू की, दोनों बच्चे जोरावर सिंह और फतेह सिंह गुरुबानी का पाठ करने लगे। बिना डरे आंखों से आंखें मिला कर। मासूमों को आखिर तक माफी मांगने को बोला गया लेकिन उन्होंने मृत्यु को चुना। कुछ देर में उनको दीवार में चुन दिया गया। उधर बुर्ज में कैद गुरु गोविंद सिंह की मां और बच्चों की दादी माता गुजरी देवी ने भी तुरंत प्राण त्याग दिए। आज देश गुरु गोबिंद, उनके परिवार और उनके सैनिकों की कुर्बानी याद कर रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने माइक्रोब्लागिंग एप कू पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी तथा माता गुजरी जी की शहादत को शत-शत नमन। धर्म की रक्षा तथा अत्याचार और अनाचार के विरोध में उनका बलिदान वंदनीय है।

<blockquote class="koo-media" data-koo-permalink="https://embed.kooapp.com/embedKoo?kooId=5f5e711f-64b7-415a-94ef-b00fc8845d37" style="background:transparent;border: medium none;padding: 0;margin: 25px auto; max-width: 550px;"> <div style="padding: 5px;"><div style="background: #ffffff; box-shadow: 0 0 0 1.5pt #e8e8e3; border-radius: 12px; font-family: 'Roboto', arial, sans-serif; color: #424242 !important; overflow: hidden; position: relative; " > <a class="embedKoo-koocardheader" href="https://www.kooapp.com/dnld" data-link="https://embed.kooapp.com/embedKoo?kooId=5f5e711f-64b7-415a-94ef-b00fc8845d37" target="_blank" style=" background-color: #f2f2ef !important; padding: 6px; display: inline-block; border-bottom: 1.5pt solid #e8e8e3; justify-content: center; text-decoration:none;color:inherit !important;width: 100%;text-align: center;" >Koo App</a> <div style="padding: 10px"> <a target="_blank" style="text-decoration:none;color: inherit !important;" href="https://www.kooapp.com/koo/ombirlakota/5f5e711f-64b7-415a-94ef-b00fc8845d37" >गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी तथा माता गुजरी जी की शहादत को शत-शत नमन। धर्म की रक्षा तथा अत्याचार और अनाचार के विरोध में उनका बलिदान वंदनीय है।</a> <div style="margin:15px 0"> <a style="text-decoration: none;color: inherit !important;" target="_blank…

Popular posts
मिलिए एंडटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' की नई दबंग दुल्हनिया 'राजेश' उर्फ ​​गीतांजलि मिश्रा से!
Image
एण्डटीवी की नई प्रस्तुति ‘अटल‘ अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की अनकही कहानियों का होगा विवरण्
Image
Corteva Agriscience® launches Novlect™ offering rice farmers weed control herbicide with added soil benefits OR Corteva Agriscience® launches Novlect™, bringing farmers a new herbicide to control weed in rice fields The new herbicide provides long-lasting weed control and protects crops throughout the growing season
Image
Donatekart helps 40,000+ coal miners of Dhanbad get food in the 2nd wave of Covid-19
Image
"मैं अपने किरदार से गहराई से जुड़ा हूं क्योंकि उसी की ही तरह मैं भी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देता हूं" ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'तदबीर' में वे एक पूर्व सेना अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं
Image