न्यायालय श्रीमान एस.सी. पाल, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, तराना, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी मांगीलाल पिता मोतीलाल, उम्र-50 वर्ष, निवासी-विजयगंजमण्डी जिली देवास, की धारा 325 भादवि में आरोपी को 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 1,000/- रूपये के अर्थदण्ड की सजा को यथावत रखा।
उप-संचालक (अभियोजन) डॉ साकेत व्यास ने बताया कि न्यायालय श्री श्रीकृष्ण डागलिया न्यायिक मजिस्ट्ेट प्रथम श्रेणी तराना जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रकरण में निर्णय दिनांक 14.09.2018 में आरोपी मांगीलाल को धारा 325 भा.दसं. के तहत 1 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 1000/-रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था। जिससे व्यथित होकर आरोपी द्वारा अपील प्रस्तुत की गई थीं। अपील न्यायालय श्रीमान एस.सी. पाल, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, तराना, जिला उज्जैन के द्वारा अपील का निराकरण कर विचारण न्यायालय श्री श्रीकृष्ण डागलिया के निर्णय में आरोपी को दी गई सजा को यथावत रखा है।
अभियोजन घटना इस प्रकार है कि दिनांक 05.08.2013 को फरियादी सौरमबाई ने थाना कायथा उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि आज सुबह सुनीताबाई व गीताबाई देवरानी जठानी आपस मे लड रही थी तो फरियादीया सौरमबाई समझाने गई तो सुनीता के पिता मांगीलाल मंडी वाले ने फरियादीया को लकडी से मारा जिससे उसके बाये हाथ मे चोट लगी। पुलिस थाना कायथा द्वारा रिपोर्ट पर से अदम चेक दर्ज कर फरियादी सौरमबाई का मेडिकल व एक्सरे करवाया गया। एक्स रे रिपोर्ट मे फरियादी के हाथ मे फ्रेक्चर आया जो अपराध धारा 325 भादवि का दण्डनीय पाया जाने से असल कायमी की गई तथा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री डी.के.नागर, एजीपी, जिला उज्जैन द्वारा की गई।
महिला का हाथ तोड़ने वाले आरोपी की सजा की अपील को न्यायालय ने कायम रखा।